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Wednesday, January 26, 2011

देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त करते देश के बैंक नियम

1) बैंक का महत्व 
बैंक का हमारे जीवन में क्या महत्व है ? स्त्री हो या पुरुष, व्यापारी हो या नौकरी पेशा, नेता हो या अभिनेता, सभी के जीवन में बैंक का बहुत महत्व है. सभी अपने-अपने हिसाब से अपनी-अपनी बचत धन राशी बैंक में जमा करते हैं.

२) saving या donation
 अगर जमा करने के अनुपात से बैंक, खर्चे तथा जुर्माने के नाम पर बैंक खाते में से अधिक रूपया काट ले, तब खातेदार को रूपया कैसे बचेगा. अब चलिए कर्रेंट अकाउंट कि बात करते हैं.

३) बैंक या अजगर
कर्रेंट अकाउंट जब तक संचालित हो रहा है तब तक तो ठीक है परन्तु जब व्यापारी को लगने लगता है जितना वो कमा रहा है, उससे ज्यादा तो बैंक उससे खर्चे ले रही है,ऐसे  में अगर बैंक के ज़रिये लेन देन बंद करता है तब  बैंक खातेदार के सारे रुपये धीरे-धीरे कर के खर्च और जुर्माने के नाम पर निकाल लेती है, उसके बाद बैंक खातेदार के उपर डेबिट लगने लगते हैं एक समय बाद खातेदार के उपर बैंक कि लम्बी देनदारी हो जाती है.

४) बैंक  के गुंडे 
अब  इस  फ़र्जी लेनदारी को वसूलने  के लिए बैंक के लम्बे चौढ़े गुंडे आते रहते हैं.और बेचारा  खातेदार, उसने तो जैसे बैंक में खाता खोल कर अपना सर ही मुढ़वा लिया है क्योंकि... 

५) private banks ki speciality
खाता  बंद करने के नाम पर पचासों बड़े बड़े  फॉर्म भरो और  उसके बाद रिसीव  कराने के नाम पर जूते के तलवे घिसो, सवारी के tyres फाड़ो लेकिन आपका अकाउंट जो किसी representative द्वारा आपके घर बैठे ही खुल गया था, अकाउंट खुलने पर सारे कागज़ घर बैठे आ गये थे ,बंद करने के नाम पर उतने ही धक्के खाने हैं ,सभी clerk  मेनेजर एक दूसरे के उपर टालेंगे. 
         प्राइवेट बैंक्स के लिए यह कहना ज्यादा मुनासिव होगा जैसे -चील को अपने अन्डो कि सुरक्षा का दायित्व दे दिया गया हो.

६) bank के कारण जमाखोरी
आज कि जनता बैंक में रूपया रखने से ज्यादा सुरक्षा जेवर खरीदने में समझती है, इसका भी एक बहुत बड़ा कारण यही  है. बैंक के इतने ज्यादा नियम कायदे कानून हो गाए हैं कि व्यापारी छोटा हो या बड़ा यही सोचता है कि बैंक में रूपया जमा करने में सुरक्षा नहीं है. उससे अच्छा तो उतने रूपए का माल खरीद कर गोदाम में भर लो , दाम बदने पर बेचेंगे, जिस कारण माल कि बाज़ार में  कमी होती है और दाम भी बड़ता है.

७) brand ambeseders से विनती
brand ambeseders से विनती है जब आप किसी बैंक के ब्रांड प्रचारक बने तब आप उसके नियम कायदे कानून जान लें, नहीं तो जनता आप कि मुहब्बत में आप द्वारा प्रचारित बैंक में जमा करने के नाम पर अपना धन गवाएंगी और श्रीमान को मन ही मन कोसेगी.

८) सुझाव 
यदि इंदिरा गांधीजी के समय  कि policy बैंक में अपनाई जाए तब सरकार के पास ज्यादा से ज्यादा रूपया आएगा और  जमाखोरी में कमी आएगी, विदेशों में पुंजी नहीं जा पाएगीऔर  अपने ही देश कि तरक्की होगी

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